Bareilly Metro Project बरेली में 2031 तक दौड़ेगी मेट्रो, 15 मार्च तक आएगी डीपीआर
बरेली शहर में मेट्रो रेल चलने का सपना अब हकीकत बनने की ओर बढ़ रहा है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला तो 2031 तक शहर में मेट्रो का संचालन शुरू हो जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत 15 मार्च 2024 तक मेट्रो की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो जाएगी। इसके बाद इसे अधिकारियों द्वारा अध्ययन किया जाएगा और फिर लखनऊ व दिल्ली भेजा जाएगा।
बरेली मेट्रो प्रोजेक्ट की प्रगति
बरेली में दो अलग-अलग रूटों पर मेट्रो चलाने की योजना बनाई गई है। डीपीआर तैयार होने के बाद, यदि किसी प्रकार की अड़चन नहीं आई, तो 2027 में काम शुरू किया जाएगा और 2030 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद 2031 में आम जनता के लिए मेट्रो सेवा शुरू की जा सकती है।
इस परियोजना का सर्वे रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (राइट्स) द्वारा कराया गया है। सर्वेक्षण के अनुसार, यदि दो कोच की मेट्रो दोनों प्रस्तावित रूटों पर दौड़ने लगे तो प्रति घंटे लगभग 19,000 यात्री सफर कर सकेंगे। भविष्य को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2056 तक इस संख्या के 32,400 तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है।
प्रस्तावित रूट और स्टेशन
बरेली में मेट्रो परियोजना के तहत दो मुख्य रूट बनाए जाने हैं:
1. ब्लू लाइन (12.5 किमी लंबी, 11 स्टेशन)
- बरेली जंक्शन
- चौकी चौराहा
- गांधी उद्यान
- सेटेलाइट बस अड्डा
- बीसलपुर चौराहा
- तुलसी नगर
- रुहेलखंड विश्वविद्यालय
- सौ फुटा क्रॉसिंग
- फीनिक्स मॉल
- सन सिटी
- फन सिटी
2. रेड लाइन (9.5 किमी लंबी, 9 स्टेशन)
- चौकी चौराहा
- अयूब खां चौराहा
- कुतुबखाना मार्केट
- कोहाड़ापीर रोड क्रॉसिंग
- डीडीपुरम चौराहा
- सब्जी मंडी
- आईवीआरआई यूनिवर्सिटी
- नॉर्थ सिटी एक्सटेंशन
- फन सिटी
यात्री क्षमता और भविष्य की योजना
राइट्स के अनुसार, भविष्य में यात्रियों की संख्या बढ़ेगी, जिसे ध्यान में रखते हुए इस परियोजना को विकसित किया जा रहा है। इसमें समय के अनुसार बदलाव भी किया जा सकता है। अनुमानित आंकड़े इस प्रकार हैं:
वर्ष | प्रति घंटे यात्री क्षमता |
2031 | 19,100 |
2041 | 23,000 |
2051 | 28,600 |
2056 | 32,400 |
डीपीआर की प्रक्रिया और मंजूरी
डीपीआर के तैयार होने के बाद इसे पहले मंडलायुक्त की अध्यक्षता में एक बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। इस बैठक में परियोजना की व्यवहार्यता पर चर्चा होगी और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार बदलाव करने का प्रस्ताव रखा जा सकता है।
इसके बाद डीपीआर को राज्य सरकार के पास लखनऊ भेजा जाएगा, जहां सरकार इसका परीक्षण करेगी। लखनऊ से स्वीकृति मिलने के बाद इसे केंद्र सरकार के पास दिल्ली भेजा जाएगा। केंद्र और राज्य सरकार की यह संयुक्त परियोजना है, जिसे आगामी लोकसभा चुनाव से पहले गति देने की कोशिश की जाएगी।
बरेली मेट्रो से संभावित लाभ
बरेली मेट्रो न केवल शहर के आवागमन को सरल बनाएगी, बल्कि इससे शहर के विकास को भी नई गति मिलेगी।
- यातायात में सुधार – शहर में बढ़ती गाड़ियों की संख्या के कारण ट्रैफिक की समस्या बढ़ रही है। मेट्रो के शुरू होने से यह समस्या काफी हद तक कमी आएगी।
- समय की बचत – मेट्रो के जरिए लोग कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।
- पर्यावरणीय लाभ – मेट्रो परियोजना से प्रदूषण में कमी आएगी, जिससे पर्यावरण को फायदा होगा।
- व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा – मेट्रो से आवागमन सुविधाजनक होगा, जिससे व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी और शहर में देश-विदेश के लोगों का आना-जाना भी बढ़ेगा। और व्यापार को नहीं दिशा मिलेगी।
- रोजगार के अवसर – इस परियोजना के तहत हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। जिसका लाभ बरेली और इसके आस पास के लोग ले सकेंगे।
परियोजना में देरी का कारण
इस परियोजना की डीपीआर जनवरी 2024 तक आने की उम्मीद थी, लेकिन सर्वेक्षण और अन्य तकनीकी कार्यों में देरी के कारण इसमें समय लग रहा है। अब राइट्स के अभियंता सर्वेक्षण रिपोर्ट को समन्वित कर अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। जैसे ही डीपीआर तैयार होगी, इसे मंजूरी के लिए अधिकारियों को भेज दिया जाएगा।
निष्कर्ष
बरेली मेट्रो शहर के नागरिकों के लिए एक बड़ी सौगात साबित होगी। अगर सब कुछ सही रहा, तो 2027 में निर्माण कार्य शुरू हो सकता है और 2030 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। 2031 में मेट्रो के संचालन के बाद बरेली शहर उत्तर प्रदेश के अन्य बड़े शहरों की तरह तेज़ी से विकसित होगा। इस परियोजना से शहर के यातायात, पर्यावरण, व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी।
अब देखना होगा कि आगे की प्रक्रियाएं कितनी तेजी से पूरी होती हैं और बरेली के लोग अपने शहर में मेट्रो सफर का आनंद कब तक उठा सकेंगे।