मांसाहारी दाल: आखिर क्यों ब्राह्मण और साधु-संत मसूर की दाल को अपने भोजन में शामिल करने से परहेज करते हैं। चलिए जानते है इसके पीछे की वजह।
मसूर दाल दाल भारतीय खान-पान का अभिन्न अंग है। यह न सिर्फ स्वादिष्ट होती है बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होती है। शाकाहारी लोगों के लिए दाल प्रोटीन का एक उत्कृष्ट स्रोत है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक दाल ऐसी भी है जिसे मांसाहारी यानी नॉन-वेज की श्रेणी में रखा जाता है? यह सुनकर आपको भले ही आश्चर्य हो, लेकिन यह सच है।
मसूर की दाल: मांसाहारी कहने के पीछे की धार्मिक और वैज्ञानिक वजह
हम बात कर रहे हैं ‘मसूर की दाल’ की। हिंदू धर्म में इसे मांसाहारी भोजन में शामिल किया जाता है। यही वजह है कि ब्राह्मण और साधु-संत मसूर की दाल को अपने भोजन में शामिल करने से परहेज करते हैं। ऐसा क्यों आइए जानते हैं इसके पीछे की धार्मिक और वैज्ञानिक वजहों के बारे में।
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धार्मिक मान्यताएं: क्यों मसूर की दाल को माना जाता है मांसाहारी?
हिंदू धर्म में मसूर की दाल को मांसाहारी भोजन की श्रेणी में शामिल करने के पीछे कई धार्मिक कारण बताए जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:
- समुद्र मंथन की कथा: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब समुद्र मंथन के दौरान भगवान विष्णु ने स्वरभानु नामक दैत्य का मस्तक काटा, तो वह मरा नहीं। उसके सिर और धड़ अलग हो गए। सिर ‘राहु’ कहलाया तो वहीं धड़ ‘केतु’ के नाम से जाना गया। कहते हैं कि मस्तक कटने के दौरान राक्षस के शरीर से जो रक्त गिरा, उसी से मसूर की लाल दाल उत्पन्न हुई।
- कामधेनु गाय का रक्त: कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दिव्य गौ कामधेनु के रक्त से मसूर दाल की उत्पत्ति मानी जाती है।
इन्हीं धार्मिक मान्यताओं के चलते धर्म से जुड़े हुए कई लोग मसूर दाल को अपने भोजन में शामिल नहीं करते हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण: क्या मसूर की दाल वाकई मांसाहारी है?
धार्मिक मान्यताओं से परे, मसूर की दाल को नॉन-वेज की कैटेगरी में शामिल करने की कुछ और वजहें भी हो सकती हैं। दरअसल, मसूर की दाल में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो की अन्य किसी दाल में नहीं पाया जाता यही वजह है कि इसकी तुलना अक्सर नॉन-वेज से की जाती है। इसके अलावा आयुर्वेद के अनुसार मसूर की दाल में तामसिक गुण बहुत ज्यादा मात्र में होता है। इसे खाने से कामेच्छा, क्रोध, उग्रता और सुस्ती जैसी चीजों को बढ़ावा मिलता है। यही कारण है कि साधु-संत या धार्मिक मार्ग पर चलने वाले लोग इसे अपने भोजन में शामिल नहीं करते हैं।
हालांकि, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मसूर की दाल पूरी तरह से शाकाहारी है। इसमें किसी भी तरह के मांसाहारी तत्व नहीं पाए जाते हैं। यह दाल प्रोटीन, फाइबर, आयरन और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसलिए, इसे सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है।
मसूर की दाल: पोषण का खजाना
मसूर की दाल न सिर्फ स्वादिष्ट होती है बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होती है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। मसूर की दाल के कुछ प्रमुख फायदे इस प्रकार हैं:
- प्रोटीन का अच्छा स्रोत: मसूर की दाल प्रोटीन का एक उत्कृष्ट स्रोत है। यह शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन की कमी को पूरा करने का एक बेहतरीन विकल्प है।
- फाइबर से भरपूर: मसूर की दाल में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। फाइबर पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में मदद करता है और कब्ज की समस्या से निजात दिलाता है।
- आयरन का स्रोत: मसूर की दाल में आयरन भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। आयरन शरीर में खून की कमी को पूरा करने में मदद करता है।
- अन्य पोषक तत्वों से भरपूर: मसूर की दाल में पोटेशियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और विटामिन बी जैसे कई अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं।
किन लोगों को नहीं कहानी चाहिए मसूर की दाल
हाई यूरिक ऐसिड
जिन लोगों को हाई यूरिक ऐसिड की प्रॉब्लेम हो उनको मसूर की दाल से परहेज करना चाहिए। क्यों की मसूर की दाल में पयुरिन होता है। जो यूरिक ऐसिड की प्रॉब्लेम को बड़ाता है।
किड्नी
जिन लोगों को किड्नी में प्रॉब्लेम हो उनको भी मसूर की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए। क्यों की इस दाल में अकसोलेट होता है। जिससे किड्नी में पथरी की समस्या हो सकती है।
गैस
मसूर की दाल में तामसिक गुड होता है। इसलिए इसके सेवन से गैस बनती है। इसलिए साधु संत इसको परहेज करते है।
एलर्जी
कुछ लोगों में इसके सेवन से एलर्जी की समस्या देखि गई है। इसलिए इसके सेवन से बचना चाहिए। इस दाल से सूजन, खुजली हो सकती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मसूर की दाल को मांसाहारी माना जाता है। लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह पूरी तरह से शाकाहारी है और सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। मसूर की दाल प्रोटीन, फाइबर, आयरन और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसलिए, इसे अपने आहार में जरूर शामिल करें।
हालांकि, धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करना भी जरूरी है। यदि आप किसी धार्मिक परंपरा का पालन करते हैं, तो आप मसूर की दाल के सेवन से परहेज कर सकते हैं। लेकिन, यदि आप वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोचते हैं, तो मसूर की दाल आपके लिए एक स्वस्थ और पौष्टिक विकल्प है।
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