Sambhal: संभल के करीब चंदौसी में 150 साल पुरानी बाबड़ी की खुदाई का काम लगातार चल रहा है। यहाँ भारी पुलिस बाल के साथ ASI की टीम यहाँ निगरानी कर रही है। यहाँ बाबड़ी में फीता डालकर गहराई की जांच की जा रही है।
संभाल के जिलाधिकारी ने कहा, जब स्थानीय लोगों को इतिहास के बारे में जानकारी नहीं दी जाती है, तो लोग अपने हिसाब से सोचने लगते है। इसलिए इनको पुराना इतिहास की भी जानकारी देनी चाहिए। इसलिए हमारे स्कूल के सीलेबस में भारत का इतिहास भी ऐड किया जाना चाहिए।
उत्तरप्रदेश के संभल में, कुओं और तीर्थ स्थलों को रेस्टोर करने और लोगों को उनकी धार्मिक परंपराओं से फिर से जोड़ने की कोशिश के तहत भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण और स्थानीय प्रशासन की एक टीम ने बुधवार को बहुत से एतिहासिक स्थलों का दौरा किया। इसमें चोर कुवां भी शामिल है।
ASI टीम ने डीएम और एसपी के साथ शहजादी सराए में स्थित छेमनाथ तीर्थ पर स्थित जाग्रत कूप का भी सर्वे किया, जहां दो दिन पहले कूप का फर्श तोड़ने पर कूप के अंदर 12 फुट गहराई पर पानी दिखाई दिया था। वहीं मंदिर पर सर्वे के दौरान तीन ने मंदिर के महंत बाल योगी जी से भी मुलाकात की। जिसमें अन्य महत्यापूर्ण जानकारी सामने आई।
टीम ने अधिकारियों के साथ कमालपुर सराए के इलाके में तोता मैंने कब्र पर भी पहुंची और निरीक्षण करने के बाद बाबड़ी के अंदर सर्वे किया।
संभल के डीएम राजेन्द्र पेंसिया ने कहा, भारत में सामान्य तौर पर पौराणिक स्थल और संतों की जो भूमि होती है, उसे ही हम तीर्थ नागरी कहते है, हम यहाँ के स्थानों को संरक्षित करेंगे तो अपने आप ही यहाँ पर्यटन बड़ेगा और संभल तीर्थ नागरी बनेगा।
आगे उन्होंने कहा की जब स्थानीय लोगों को इतिहास के बारे में जानकारी नहीं दी जाती है तो लोग अपने हिसाब से सोचने लगते है। इसलिए हम लोगों को जागरूक करेंगे, बाबड़ी की खुदाई करवाएंगे। वासविक्ता काभी नहीं छुपती काभी न काभी बाहर आ ही जाती है।
एजेंसी के मुताबिक, संभल के डीम ने कहा, हुमने फिरोजपुर के किले का भी दौरा किया जो की संरक्षित है। हमारे साथ भारतिए सर्वे की टीम भी थी हुमने नीमसर और अन्य तीर्थ स्थलों का भी दौरा किया। जो सब सही हाल में है।
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The True History of Sambhal | The Evidence That Shatters Existing Claims | Babur Didn’t Build It?