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Beyond the Rituals: The History of Kumbh 2025

Beyond the Rituals

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Beyond the Rituals: The History of Kumbh 2025

Beyond the Rituals: The History of Kumbh

कुंभ मेला: एक गहराई से अध्ययन

कुंभ मेला भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह हिंदू तीर्थयात्रियों का एक विशाल समागम है जो हर बारह वर्षों में चार पवित्र नदी स्थलों – हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक – पर आयोजित किया जाता है। यह केवल एक धार्मिक सभा नहीं है, बल्कि एक गहरा सांस्कृतिक अनुभव है जिसने सदियों से दुनिया को मोहित किया है। जब आप यहाँ आते है। तब आपको एक अलग ही भारत देखने को मिलता है। जहां आप लाखों सालों की विलुप्त हो चुकी संस्कृति देखने को मिलती है। आप यहाँ आके। एक अलग ही भारत को देखेंगे। जो अपने काभी नहीं देखा होगा। क्यों की आपने अब तक शहर की लाइफ जी है।

चलिए कुम्भ के बारे में विस्तार से जानते है।

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पौराणिक उत्पत्ति: समुद्र मंथन

कुंभ मेला की जड़ें हिंदू पौराणिक कथाओं में बहुत गहरी हैं, विशेष रूप से “समुद्र मंथन” की महाकाव्य कथा में। पुराणों जैसे प्राचीन ग्रंथों में वर्णित इस पौराणिक घटना में देवताओं और असुरों के बीच अमृत, अमरत्व का अमृत, प्राप्त करने के लिए युद्ध का वर्णन है। जिसमें विश को किसी ने नहीं ग्रहण किया।

देवताओं और असुरों ने अमृत की खोज में एकजुट होकर मंदराचल पर्वत को मंथन दंड और वासुकी सर्प राजा को रस्सी के रूप में उपयोग करते हुए, क्षीर सागर का मंथन किया। इस उथल-पुथल से अनेक खजाने निकले, जिनमें दिव्य प्राणी, कीमती रत्न, कामधेनु गाय और अंत में स्वयं अमृत भी शामिल था।

हालाँकि, जब दोनों पक्षों देवता और दानव ने प्रतिष्ठित अमृत के लिए होड़ लगाई तो विवाद उत्पन्न हो गया। परिणामी संघर्ष में, अमृत की बूंदें चार पवित्र स्थानों पर गिर गईं:

अमरत्व के सार से ओत-प्रोत ये चार स्थान कुंभ मेला के लिए पवित्र स्थल बन गए। और तभी से कुम्भ मेल प्रारंभ हो गया।

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प्रारंभिक इतिहास: एक क्रमिक विकास

जबकि पौराणिक उत्पत्ति एक मनोरम कथा प्रदान करती है, कुंभ मेला के प्रारंभिक अस्तित्व के ऐतिहासिक प्रमाण अधिक सूक्ष्म हैं। ऐसा पहले नहीं था। जब मुगलों ने भारत पर आक्रमण किया। और सभी धार्मिक और भारत का इतिहास सब नष्ट कर दिया। तब से अब तक बहुत कुछ हुमसे छूट गया।

आधुनिक युग: एक वैश्विक घटना

आधुनिक युग का कुंभ मेला वास्तव में एक आश्चर्यजनक दृश्य है। भारत और दुनिया भर से लाखों तीर्थयात्री पवित्र अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए निर्दिष्ट स्थलों पर आते हैं।

सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

कुंभ मेला अपने धार्मिक महत्व से परे है और भारतीय समाज और संस्कृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये दुनिया भर की लोगों को एक साथ अपने पास लाता है। जो अपने आप में एक अनूठा संगम है। यहाँ सभी धर्मों और अलग अलग संप्रदाय के लोग एक साथ पवित्र जल में डुबकी लगते है।

चुनौतियां और विवाद

अपने गहन सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व के बावजूद, कुंभ मेला भी चुनौतियों का सामना करता है:

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(4) Mystery of Kumbh Mela | Kumbh Mela History & Secrets | Documentary – YouTube

 

https://www.youtube.com/watch?v=zf-o4KXWbS8
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