रिश्तों में तकरार अक्सर प्यार की कसौटी बनती है, और सही तरीके से सुलझाया जाए तो यह बंधन और भी मजबूत हो जाता है।

रिश्ते की खूबसूरती झगड़ों से नहीं, उन्हें सुलझाने के हुनर से झलकती है।

कभी-कभी हार मान लेना, प्यार की सबसे बड़ी जीत साबित हो सकती है।

अहम के ऊँचे किले में प्यार की हल्की दस्तक भी सुनी नहीं जाती।

रिश्ता तभी बचता है जब दो लोग "सही कौन है" से ज्यादा "साथ कैसे रहें" पर ध्यान दें।

ग़लतियाँ इंसान से होती हैं, लेकिन माफ़ करने की ताकत एक मजबूत रिश्ते से मिलती है।

अगर रिश्ते की डोर उलझ भी जाए, तो उसे झटके से तोड़ने के बजाय धैर्य से सुलझाना बेहतर होता है।

बातें जितनी मीठी होंगी, रिश्ते उतने ही गहरे होंगे।

कभी-कभी ‘मैं’ को ‘हम’ में बदलने से सारे झगड़े खुद ही खत्म हो जाते हैं।

रिश्ता काँच की तरह होता है, अगर टूट जाए तो चुभता जरूर है, मगर अगर संभाल लिया जाए तो और भी खूबसूरत दिखता है।