ब्रेकिंग न्यूज़: अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान हादसा, 280 से ज़्यादा की मौत
दिनांक: 12 जून 2025
स्थान: अहमदाबाद, गुजरात
✈ क्या हुआ?
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गुरुवार दोपहर को एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, जो अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हो रही थी, टेक-ऑफ के कुछ सेकंड बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान, जो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, BJ मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स हॉस्टल पर गिर पड़ा। हादसे के वक्त विमान में 230 यात्री और 12 क्रू सदस्य सवार थे।
घटना इतनी तेज़ थी कि विमान के मलबे में आग लग गई और आसपास की इमारतें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। चारों ओर धुएं का गुबार फैल गया। इस भयानक हादसे में 241 यात्रियों और क्रू की जान चली गई, जबकि जमीन पर मौजूद 39 से अधिक लोग भी मारे गए। दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
हादसा ज़मीन पर तबाही (अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान हादसा)
विमान सीधे शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके में एक हॉस्टल पर गिरा, जहां मेडिकल कॉलेज के छात्र और रेजिडेंट डॉक्टर रहते थे। हादसे के समय दोपहर का वक्त था, जब अधिकांश छात्र अपने कमरे में आराम कर रहे थे। अचानक तेज़ धमाका हुआ और हॉस्टल का एक हिस्सा पूरी तरह से गिर गया। आग लगने से बचाव कार्य में भी बाधा आई।
अस्पतालों में लाशों की पहचान करना मुश्किल हो गया है, इसलिए सरकार ने DNA जांच शुरू की है। मृतकों के परिवारों को सूचित किया जा रहा है। कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। अहमदाबाद सिविल अस्पताल और अन्य बड़े अस्पतालों में लगातार मरीज पहुंचाए जा रहे हैं।
एक चमत्कारिक बचाव (अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान हादसा)
इस हादसे में एकमात्र जीवित बचा व्यक्ति है विश्वास रमेश, जो ब्रिटिश-भारतीय नागरिक हैं। वे विमान के आपातकालीन दरवाजे के पास सीट 11A पर बैठे थे। हादसे के बाद उन्हें होश आया तो वह खुद को मलबे के नीचे दबा हुआ पाया, लेकिन किसी तरह से वो बाहर निकल पाए। उन्हें आंख और सीने में चोटें आई हैं, लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि अब उनकी हालत स्थिर है।
विश्वास ने बताया, “टेक-ऑफ के बाद विमान झटका खाने लगा, फिर तेज़ धमाका हुआ और सब काला हो गया। मुझे लगा मैं मर चुका हूं, लेकिन किसी चमत्कार से मैं बच गया।”
राहत और बचाव कार्य
जैसे ही हादसे की खबर मिली, स्थानीय प्रशासन, फायर ब्रिगेड, पुलिस, एम्बुलेंस, NDRF और सेना की टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं। मलबा हटाने और लोगों को निकालने के लिए जेसीबी मशीनें लगाई गईं।
100 से ज्यादा जवानों ने मलबे में फंसे लोगों को बचाने का काम किया। घायलों को तेजी से अस्पताल पहुंचाया गया। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और घटनास्थल को घेर लिया गया, ताकि बचाव कार्य बिना किसी रुकावट के चल सके।
सरकारी प्रतिक्रिया और संवेदनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना को “अत्यंत दुखद” बताया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूरी तरह से राज्य प्रशासन की मदद कर रही है। गृह मंत्री अमित शाह और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी तुरंत अहमदाबाद पहुंचे और राहत कार्यों की समीक्षा की।
सरकार ने मृतकों के परिवारों को ₹1 करोड़ और घायलों के इलाज की पूरी जिम्मेदारी लेने की घोषणा की है। एयर इंडिया और टाटा समूह ने भी पीड़ितों की मदद के लिए आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया है।
तकनीकी जांच और ब्लैक बॉक्स
हादसे के तुरंत बाद विमान का ब्लैक बॉक्स यानी फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और वॉयस रिकॉर्डर मलबे से बरामद कर लिए गए। जांच एजेंसी AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) ने इसकी जांच शुरू कर दी है। संभावना है कि इसमें अमेरिकी विशेषज्ञों की भी मदद ली जा सकती है।
शुरुआती अनुमान के अनुसार विमान में अचानक इंजन फेल हो गया था, जिससे वह हवा में संतुलन खो बैठा। यह भी देखा जा रहा है कि टेक-ऑफ के समय किसी पक्षी से टकराव या टेक्निकल फॉल्ट तो नहीं था।
असर और उड़ानों में बदलाव
इस हादसे का असर पूरे देश में देखा जा रहा है। एयर इंडिया ने अपनी सभी ड्रीमलाइनर विमानों की जांच शुरू कर दी है। कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिलहाल के लिए रद्द कर दिया गया है या उनका रूट बदला गया है।
यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए DGCA ने निर्देश जारी किए हैं कि सभी विमानों की जांच के बाद ही उन्हें उड़ान की अनुमति दी जाए।
मीडिया, सोशल मीडिया और लोगों की प्रतिक्रिया
हादसे की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर शोक संदेशों की बाढ़ आ गई। आम लोग, नेता, फिल्मी सितारे और अन्य नामचीन हस्तियों ने इस दुर्घटना पर दुख जताया। बॉलीवुड के कई इवेंट और फिल्म प्रीमियर रद्द कर दिए गए।
लोगों ने एयर इंडिया और सरकार से पूछा है कि क्या इस तरह की तकनीकी खराबी को पहले रोका नहीं जा सकता था? क्या पुराने विमानों की ठीक से जांच होती है?
आगे की कार्रवाई और संभावित सुधार
सरकार ने घोषणा की है कि 30 दिन में हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पेश की जाएगी। अंतिम रिपोर्ट 6 से 12 महीनों में आने की उम्मीद है। इसमें हादसे के कारणों, लापरवाहियों और भविष्य में सुधार के सुझाव शामिल होंगे।
एयर इंडिया को अब अपनी सुरक्षा व्यवस्था पर और ध्यान देना होगा। पुराने विमानों की स्थिति की दोबारा समीक्षा होगी और पायलटों व इंजीनियरों के लिए नया प्रशिक्षण प्रोग्राम शुरू किया जा सकता है।
अहमदाबाद का यह हादसा भारत के विमानन इतिहास में एक काला दिन है। इसमें सिर्फ विमान नहीं गिरा, बल्कि सैकड़ों परिवारों की उम्मीदें और सपने भी टूट गए। अब ज़रूरत है सुधार की, जिम्मेदारी की और तकनीकी मजबूती की, ताकि भविष्य में कोई और परिवार ऐसा दर्द न झेले।
सरकार, एयरलाइंस और सभी संबंधित एजेंसियों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं फिर कभी न हों। यह समय है न केवल शोक व्यक्त करने का, बल्कि ठोस कदम उठाने का।
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