महाकुंभ 2025: 55करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी, प्रयागराज में जारी है आस्था का सैलाब

महाकुंभ 2025

महाकुंभ 2025

17 फरवरी 2025, प्रयागराज

 

महाकुंभ 2025: एक ऐतिहासिक आध्यात्मिक महोत्सव

विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं का उत्साह थमने का नाम नहीं ले रहा। 13 जनवरी से शुरू हुए इस महापर्व के 36वें दिन (17 फरवरी) तक 55 करोड़ से अधिक लोग त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार, केवल रविवार (16 फरवरी) को ही 1.49 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। यह आयोजन 26 फरवरी तक जारी रहेगा, जिसमें महाशिवरात्रि स्नान अंतिम प्रमुख आकर्षण होगा।

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महाकुंभ 2025 श्रद्धालुओं की भीड़ और प्रमुख आंकड़े

55 करोड़+ डुबकी: अब तक त्रिवेणी संगम में स्नान करने वालों की संख्या 55 करोड़ को पार कर चुकी है। ये आकडा और भी बदने की उम्मीद जताई जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक कुम्भ खतम होने तक ये आकडा 60 करोड़ तक जा सकता है।

माघी पूर्णिमा पर रिकॉर्ड: 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा के दिन 2 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया। जो अपने आप में एक रिकार्ड है।

कल्पवासियों की संख्या: लगभग 10 लाख कल्पवासी एक माह तक संगम के निकट रहकर तपस्या कर रहे हैं। ये अपने आप में एक अनूठा संगम है। जिसमें एक जगह और एक साथ इतने लोग तपस्या कर रहे है। इनको देखना अपने आप में अनूठा द्रश्य है।

अंतरराष्ट्रीय भागीदारी: ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे और फ्रांस सहित 50+ देशों के श्रद्धालु शामिल हुए। जिनकी कुल संख्या लगभग 5 लाख बताई जा रही है।

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महाकुंभ 2025 ट्रैफिक और भीड़ प्रबंधन: चुनौतियाँ और समाधान

नैनी ब्रिज पर जाम की स्थिति

प्रयागराज के नैनी ब्रिज और लिपरेसी चौराहे पर भारी ट्रैफिक जाम के कारण श्रद्धालु जाली फाँदकर निकल रहे हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने इन क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए हैं। जिससे कोई हादसा न हो। और लोगों को संयम बरतने की सलाह दी जा रही है।

 

रेलवे की विशेष व्यवस्था

117 स्पेशल ट्रेनें: भीड़ को देखते हुए सरकार ने रविवार को देर रात तक 117 विशेष ट्रेनें चलाई गईं। जिससे यात्रियों को कोई असुविधा न हो। और उनकी यात्रा सुगम और मंगलमय हो।

वीआईपी प्रोटोकॉल निलंबित: भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने सभी वीआईपी सुविधाएँ अस्थायी रूप से रोक दी हैं। इससे सभी यात्रियों को समान सुविधा मिल सके।

पार्किंग व्यवस्था: सरकार ने पार्किंग की असुविधा से बचने के लिए 5 लाख से अधिक पार्किंग स्लॉट और ऐप-आधारित बुकिंग सिस्टम लागू किया गया। इससे यात्री पार्किंग की प्री बुकिंग कर सके।

 

 

महाकुंभ 2025 सुरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन

आग की घटनाएँ और त्वरित प्रतिक्रिया

सरकार ने पहले की घटनाओ से सबक लेके रैपिड एक्शन फोर्स तयार की है। जिससे किसी तरह का हादसा ताल जा सके। और किसी तरह की जान माल की कोई हानी न हो।

सेक्टर 8 में आग: बजरंगदास मार्ग पर स्थित एक शिविर में लगी आग को फायर ब्रिगेड ने तुरंत नियंत्रित किया। कोई हताहत नहीं हुआ। और सबको सुरक्षित बच लिया गया।

AI फायर डिटेक्शन: 50+ फायर स्टेशन और 200 रेस्क्यू टीमें तैनात की गईं। AI कैमरों से आग का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है।

 

स्टैम्पीड और भीड़ नियंत्रण

29 जनवरी की दुर्घटना: मौनी अमावस्या पर हुए स्टैम्पीड में 30 लोगों की मौत हुई, जिसके बाद सुरक्षा प्रोटोकॉल को सख्त किया गया। और कड़ी निगरानी राखी जा रही है।

CRPF की भूमिका: 9,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी और 60 RAF कंपनियाँ तैनात की गईं। CRPF ने 400+ लापता बच्चों और वरिष्ठों को उनके परिवारों से मिलाया। ये बहुत ही सराहनीय कदम है।

महाकुंभ 2025
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महाकुंभ 2025 राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ और विवाद

योगी आदित्यनाथ का दावा: जब से कुम्भ शुरू हुआ है। तब से ही लोग कुम्भ की व्ययबस्था पे सवाल उठा रहे थे। वो अब “जो लोग कुंभ की व्यवस्था पर सवाल उठा रहे थे, वे चुपचाप स्नान कर रहे हैं”। और उनको कोई और बहन नहीं मिल रहा है।

ममता बनर्जी का आरोप: उधर ममता दीदी ने भी उप सरकार पे आरोप लगाया है की “यूपी सरकार स्टैम्पीड में मरने वालों की वास्तविक संख्या छिपा रही है”। जबकि उनको अपने स्टेट में किसी बेगुनाह पे अत्याचार दिखाई नहीं दे रहे।

अखिलेश यादव की आलोचना: “सरकार भीड़ प्रबंधन में विफल; श्रद्धालुओं को परेशानी झेलनी पड़ रही है”। ये उनकी तरफ से टिप्पड़ई की गई।

 

 

महाकुंभ 2025 सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहल

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रयास

इस महा कुम्भ में कई बड़े रेकॉर्ड्स दर्ज हुए है। जो पूरी दुनिया में एक अद्भुत है। ऐसा कोई देश नहीं जहां केवल 2 माह में ही 60 करोड़ लोग एक जगह आए हो। ऐसा न काभी हुआ है। और न निकट भविष्य में काभी होगा। जहां किसी भेद भाव और न जाती भेद के पड़े इतना बाद जमावड़ा हुआ। जो देखने काबिल है। यह कुछ बड़े रेकॉर्ड्स भी है।

10,000 हाथों के निशान: 17 फरवरी को 8 घंटे में 10,000 हाथों के निशान एकत्रित करने का प्रयास।

ई-रिक्शा का रिकॉर्ड: 16 फरवरी को 1,000 ई-रिक्शा एक साथ चलाकर “ग्रीन कुंभ” का संदेश दिया गया।

 

महाकुंभ 2025 जलवायु परिवर्तन पर संवाद

16 फरवरी को धर्मगुरुओं और विशेषज्ञों ने “फेथ ऑफ कुंभ एंड क्लाइमेट चेंज” सम्मेलन में हिस्सा लिया, जिसमें नदी संरक्षण और टिकाऊ प्रथाओं पर चर्चा हुई। इसमें गंगा को साफ करने के विषय के बारे में जोर दिया गया। और नदियों को साफ करने के विषय पे चर्चा हुई।

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महाकुंभ 2025 भविष्य की तैयारियाँ और निष्कर्ष

महाकुंभ 2025 ने भारत की सांस्कृतिक विरासत और प्रशासनिक क्षमता को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया है। हालाँकि, भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा में कुछ चुनौतियाँ सामने आईं, लेकिन AI तकनीक, CRPF की तैनाती और जनता का सहयोग इस आयोजन को ऐतिहासिक बना रहे हैं। योगी सरकार का दावा है कि 60 करोड़+ श्रद्धालुओं के स्नान का लक्ष्य शीघ्र ही पूरा होगा। जो की दुनिया में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।

 

लेखक: [अथर्व गुप्ता], प्रयागराज से

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स, PIB, और अन्य समाचार एजेंसियाँ

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